Chief Justice of India NV Ramana
नई दिल्ली
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन ने विवादों के निपटारे के लिए मध्यस्थता का रास्ता अपनाने पर जोर दिया है। 'महाभारत' का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय मूल्यों में मध्यस्थता गहराई से समाई हुई है। पहले हर तरह के विवाद के हल के लिए मध्यस्थता का ही सहारा लिया जाता था। शनिवार को एक कार्यक्रम में सीजेआई ने यह भी कहा कि भारत की अदालतों में 4.5 करोड़ मामले लंबित होने का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाने वाला कथन है।
सीजेआई रमन ने कहा कि भारतीय अदालतों में 4.5 करोड़ मामले लंबित होने का आंकड़ा एक ‘अतिशयोक्तिपूर्ण कथन’ और ‘सही तरीके से नहीं किया गया विश्लेषण’ है। उन्होंने कहा कि मामलों के निपटारे में देरी के कारणों में से एक ‘समय काटने के लिए वाद दायर किया जाना’ भी है।
भारत-सिंगापुर मध्यस्थता शिखर सम्मेलन ‘मेकिंग मीडिएशन मेनस्ट्रीम: रिफ्लेक्शंस फ्रॉम इंडिया एंड सिंगापुर’ में उन्होंने कहा कि किसी भी समाज में राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक सहित तमाम कारणों से संघर्ष होगा ही। इस संघर्ष के समाधान के लिए तंत्र विकसित करने की जरूरत है। सीजेआई ने संघर्ष समाधान के लिए मध्यस्थता के प्रयास का उदाहरण देते हुए महाभारत का जिक्र किया।
Chief Justice N.V. Ramana was speaking at the India - Singapore Mediation Summit 2021, organised by Singapore International Mediation Centre (SIMC), in strategic partnership with CAMP Mediation, and Mediation Mantras.